फास्टैग से जुड़ी खास बातें...
फास्टैग कैसे करता है काम?
यह एक रेडियो फ्रीक्वेंसी आइडेंटिफिकेशन टैग है जिसे वाहन के विंडशील्ड पर लगाया जाता है, ताकि गाड़ी जब टोल प्लाजा से गुजरे तो प्लाजा पर मौजूद सेंसर फास्टैग को रीड कर सके। वहां लगे उपकरण ऑटोमैटिक तरीके से टोल टैक्स की वसूली कर लेते हैं। इससे वाहन चालकों के समय की बचत होती है। एनपीसीआई के आंकड़ों के अनुसार वर्तमान में देश के 537 टोल प्लाजा पर फास्टैग के जरिए टोल टैक्स की वसूली की जा रही है।
कहां से खरीद सकते हैं फास्टैग?
- भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण की ओर से संचालित टोल प्लाजा।
- एसबीआई, एचडीएफसी, आईसीआईसीआई समेत कई बैंक।
- ऑनलाइन प्लेटफॉर्म पेटीएम, अमेजन डॉट कॉम।
- इंडियन ऑयल कॉरपोरेशन, भारत पेट्रोलियम, हिन्दुस्तान पेट्रोलियम के पेट्रोल पंप।
- नेशनल हाईवे अथॉरिटी की माई फास्ट ऐप।
फास्टैग खरीदने के लिए किन कागजात की जरूरत होगी?
- गाड़ी का रजिस्ट्रेशन सर्टिफिकेट।
- गाड़ी मालिक की पासपोर्ट साइज फोटो।
- गाड़ी मालिक का केवाईसी डॉक्यूमेंट। जैसे- आईडी प्रूफ, एड्रेस प्रूफ।
- फास्ट टैग खरीदते समय इन सभी दस्तावेजों की ऑरिजनल कॉपी जरूर साथ रखें।
फास्टैग को बैंक अकाउंट से कैसे लिंक करेंगे, रिचार्ज कैसे होगा?
- फास्टैग खरीदने पर इसे माय फास्टैग ऐप की मदद से बैंक अकाउंट से लिंक किया जा सकेगा। इसमें यूजर को व्हीकल रजिस्ट्रेशन नंबर डालना होगा, जिसके बाद फास्टैग एक्टिवेट होगा। ऐप पर यूपीआई पेमेंट के जरिए यूजर अपने फास्टैग को रिचार्ज कर सकेंगे।
- इसे पेटीएम से भी खरीदा जा सकेगा। पेटीएम पर वाहन की रजिस्ट्रेशेन नंबर और व्हीकल रजिस्ट्रेशन सर्टिफिकेट अपलोड कर नए फास्टैग के लिए आवेदन किया जा सकता है। सभी फास्टैग ग्राहकों को टोल पेमेंट करने पर 2.5% कैशबैक भी मिलेगा।
क्या फास्टैग से पार्किंग और फ्यूल का भुगतान भी कर सकेंगे?
- टोल टैक्स पर टैक्स वसूली के अलावा जल्द ही पूरे देश में फ्यूल पेमेंट और वाहन पार्किंग चार्ज का भुगतान भी किया जा सकेगा। इसकी शुरुआत हैदराबाद एयरपोर्ट से हो चुकी है, जहां कार पार्किंग समेत अन्य चार्ज का भुगतान फास्टैग (FASTag) से होगा। इसे फास्टैग 2.0 नाम से जाना जाएगा। हैदराबाद में सफलता मिलने के बाद यह परियोजना दिल्ली हवाई अड्डे पर भी शुरू की जाएगी।
- सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय ने बताया कि फास्टैग 2.0 पायलट प्रोजेक्ट दो फेस में लॉन्च किया है। पहला चरण दरअसल एक नियंत्रित पायलट परीक्षण है, जिसके तहत केवल आईसीआईसीआई टैगों का ही इस्तेमाल किया जाएगा। पायलट परियोजना के दूसरे चरण में सभी अन्य बैंकों द्वारा जारी किए जाने वाले टैगों को कवर किया जाएगा।
टोल नाका के आसपास रहने वालों के लिए कुछ अलग प्रावधान है क्या?
जी हां, टाेल नाका के आसपास गांवाें में रहने वाले लाेगों को दिया गया फास्टैग सॉफ्टवेयर से लिंक रहेगा, जिससे उन्हें महीने में एक बार ही चार्ज चुकाना होगा। इसके लिए उन्हें संबंधित टोल के क्षेत्रीय कार्यालय जाकर फास्टैग को साॅफ्टवेयर से लिंक कराना अनिवार्य होगा। सॉफ्टवेयर में यह विकल्प मौजूद है।
टोल प्लाजा पर फास्टैग स्कैन पर न होने पर क्या होगा?
नियम के मुताबित किसी टोल पर स्कैनर में कोई खराबी आ जाती है और वह आपका फास्टैग स्कैन नहीं कर पा रहा है, तो इसके लिए वाहन चालक जिम्मेदार नहीं होगा। इस स्थिति में चालक को कोई पैसा नहीं चुकाना होगा और वह फ्री में टोल से गुजर सकेगा। इसके लिए टोल पर बोर्ड लगाने के लिए भी कहा गया है, जिससे जागरुकता फैलाई जा सके।
फास्टैग से जुड़ी दिक्कतों के लिए किसे संपर्क करें?
फास्टैग से जुड़ी कई दिक्कतें जैसे फास्टैग का ठीक से स्कैन ना होना, फास्ट टैग का डैमेज या टूटने पर या फिर अकाउंट में पैसा होने पर टोल नहीं दे पाने जैसी दिक्कतों को आप एक फोन कॉल के जरिए सुलझा सकते हैं। नेशनल हाईवे ऑथोरिटी के नेशनल हेल्पलाइन नंबर 1033 पर कॉल करके, या फिर हाईवे ऑथोरिटी की वेबसाइट www.ihmcl.com या MyFastTag मोबाइल ऐप के जरिए फास्टैग से जुड़ी अपनी समस्या बता सकते हैं।