जिला पंचायत भोपाल के सभाकक्ष में गौशाला निर्माण तथा संचालन की कार्यशाला आयोजित

 बैठक में बताया गया कि गौ शालाओ को आत्म निर्भर बनाया जाएगा, गौ उत्पादों के उपयोग को बढ़ाने के लिए बेहतर तरीके से उत्पादों को प्रस्तुत किया जाएगा। इसके साथ ही उसकी गुणवत्ता और उपयोगिता को भी जनता को बेहतर तरीके से बताया जाए तभी गौ शाला की जीवटता और उपयोगिता सार्थक होगी।


बैठक में जीवदया गौशाला,  बड़खेड़ी अब्दुल्ला से अशोक जैन एवं महामृत्युंजय गौशाला, हथाईखेड़ा के गोविंद व्यास द्वारा गौशाला संचालन के संबंध में जानकारी प्रदाय की गई एवं अनुभव बतायें गये। जिले में 12 गौशाला निर्माण कार्य प्रगतिरत है। जनपद पंचायत फंदा में ग्राम पंचायत अमोनी,  कुठार,  मुगालियाकोट,  पुराछिंदवाड़ा तथा तूमड़ा तथा जनपद पंचायत बैरसिया में बर्रीछीरखेड़ा,  जमूसरकलां,  खजूरियाकलां,  परसोरा,  रमपुराबालाचोन,  रुनाहा तथा सोहाया में गौशाला निर्माण कार्य प्रगतिरत है। गौशाला का निर्माण 1 एकड़ में किया जा रहा है तथा 5 एकड़ भूमि पर चारागाह विकास का कार्य किया जा रहा है।


    गौशाला निर्माण से महात्मा गांधी नरेगा अन्तर्गत श्रमिको को मजदूरी प्राप्त होगी एवं गौशाला निर्माण से प्रति गौशाला में 100 गायों की व्यवस्था की जावेगी। बैठक में श्री मन मोहन नागर  अध्क्षय जिला पंचायत भोपाल,सतीश कुमार एस मुख्य कार्यपालन अधिकारी,  अतिरिक्त मुख्य कार्यपालन अधिकारी, जिला पंचायत भोपाल, उपसंचालक,  पशु चिकित्सा सेवायें,  कार्यपालन यंत्री,  विद्युत विभाग,  कार्यपालन यंत्री,  ग्रामीण यांत्रिकी सेवा,  जिला अक्षय उर्जा अधिकारी,  मुख्य कार्यपालन अधिकारी,  जनपद पंचायत फंदा,  परियोजना अधिकारी,  महात्मा गांधी नरेगा,  जिला परियोजना प्रबंधक,  राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन, सहायक यंत्री,  जनपद पंचायत फंदा एवं बैरसिया, तथा संबंधित ग्राम पंचायतों के सरपंच,  पंचायत सचिव,  ग्राम रोजगार सहायक,  गौसेवक,  स्वसहायता समूह के सदस्य उपस्थित हुये।


 
        कार्यपालन यंत्री विद्युत विभाग तथा जिला अक्षय उर्जा अधिकारी द्वारा विद्युत व्यवस्था पर आने वाले व्यय के संबंध में जानकारी प्रदाय की गई। उपसंचालक,  पशु चिकित्सा सेवाये द्वारा बताया गया कि गौशालाओं में पानी हेतु बोरवेल के लिये 1 लाख रुपये प्रति गौशाला का प्रावधान किया गया है। मुख्य कार्यपालन अधिकारी जिला पंचायत  द्वारा अवगत कराया गया कि गांव स्तर पर गौशाला संचालन की समिति गठित की जावें एवं जिले में संचालित उत्कृष्ट गौशालाओं में समिति के सदस्यों का एक्सपोजर विजिट किया जावें। बायोगेस, प्लांट,  वर्मीकम्पोस्ट, नाडेप,  गोकॉष्ट  बनाने की मशीन, डेयरी प्रोजेक्ट आदि व्यवस्था की जावें।